ईं वाते वीं खजुर की डाळ्याँ लिदी अन वाँकाऊँ मलबा ने निकल्या, अन केबा लागा, “परमेसर की मेमा वेवे, परबू का नामऊँ आबावाळा ने परमेसर आसीस देवे। इजराएल का राजा ने परमेसर आसीस देवे।”
जद्याँ वीं दन पूरा वेग्या तो माँ वटूँ चाल पड़या, अन वटा का हंगळा मनक अन वाँकी लुगायाँ अन छोरा-छोरी माँने नगर का बारणे तईं मेलवा आया, अन समन्द का कनारे माँ हंगळा गोडा टेकन परातना किदी।
मारे देह की कमज्योरी का मस मूँ थाँका पे बोज बण्यो तो भी थाँ मारो अपमान ने किदो अन ने मारा पे रिस्याँ बळ्या, पण मने परमेसर को हरग-दुत हमज मारी आवभगत किदी के, जस्यान मूँईस ईसू मसी हूँ।