जद्याँ सबा में घणी माता-फोड़ी वेगी तो सेनापती दरपग्यो के, कटे पोलुस का गट्टा-गट्टा ने कर नाके। वणी सपायाँ ने हुकम दिदो के, “रेटे समू में जान पोलुस ने सबा मूँ छावणी में ले जावो।”
तीन दाण तो में लटऊँ मार खादी अन एक दाण तो मारा पे भाटा की भी बरका किदी गी ही। तीन दाण तो जणी जाँज में चड़्यो हो, वींई टुटग्या, एक दाण तो मूँ एक रात-दन समन्द का मयने रियो।