36 तद्याँ वीं हंगळा भी हिम्मत राकन रोट्याँ खाबा लागा।
पण अबे मूँ थाँने धिजो बंदान केऊँ के, हिम्मत राको, काँके थाँकामूँ कुई भी ने मरी, पण जाँज को नास वेई।
ईं वाते राजी वे जावो, काँके मूँ परमेसर पे विस्वास करूँ हूँ के, जस्यान माराऊँ क्यो हे वस्यानीस वेई।