ईसू क्यो, “खुराजीन अन बेतसेदा नगर का लोगाँ, थाँने धिकार हे, काँके जीं परच्या बताया ग्या, यद्याँ वीं सूर अन सेदा नगर में किदा जाता, तो वटे का मनक बोरी का गाबा पेरन अन आपणाँ सरीर पे वानी लगान कदी का पापऊँ मन फेर लेता।
वो सूर अन सेदा का मनकाँ पे घणो रिस्याँ बळतो हो। ईं वाते वे अगेटा व्या अन एक मन वेन वींऊँ मलबा आया। वाँकाणी राजा को खास मनक बलासतुस का नके जान वींने मनायो अन पछे वीं हेरोदेस नके जान हमजोता वाते क्यो, काँके वाँका देस में धान हेरोदेस का देसऊँ आतो हो।
जद्याँ आ बात ते वेगी के आपीं जाँजऊँ इटली जावाँ, तो वाँकाणी पोलुस अन वींका हातेवाळा ने युलियुस नाम का हो सपायाँ का सेनापती ने हूँप दिदा, वीं फोज ने “राजा की फोज” केता हा।