पछे वीं बंचबावाळी नावा ने उठान जाँज में मेल दिदी अन जाँज ने टूटवाऊँ बंचबा वाते जाड़ा हींदराऊँ च्यारूँमेरऊँ बांद दिदो अन कटेई सुरतिस का हेवा पाणी में ने फसन टूट ने जावे, ईं दरपऊँ पाल उतारन जाँज ने वेवा दिदो।
वाँ आस आपणाँ जीवन का वाते अस्यो लंगर हे ज्यो एक जगाँ पाको हे ज्यो हाली ने सके हे। अन आपणी आस का वजेऊँ आपाँ अस्यान का हा, मानो आपाँ परमेसर की वीं जगाँ में पराग्या, जटे मायाजकइस जा सके हे, ज्या परदाऊँ ढाकी तकी हे।