19 अन तीजे दन वाँकाणी आपणाँ हाताऊँ जाँज की थोड़ीक चिजाँ ने फेंक दिदी।
जद्याँ डूँजऊँ माँ धक्का खादा तो दूजे दन वे माल ने फेंकबा लागा।
नरई दन तईं, ने सुरज, ने तारा दिक्या अन जोरऊँ डूँज चालरी ही, तो पछे माँके बंचबा की आस जाती री।