18 जद्याँ डूँजऊँ माँ धक्का खादा तो दूजे दन वे माल ने फेंकबा लागा।
यद्याँ मनक आका जग ने पा लेवे, अन आपणाँ जीव को नकसाण करे, तो वींने कई फायदो वेई? मनक आपणाँ जीव पाछो पाबा का बदले कई दे सके हे कई?
काँके खाणाऊँ जीव अन कपड़ाऊँ सरीर घणो खास हे।
वणी मालिक वणी अधरमी मुनीम ने सेबासी दिदी, काँके वणी चालाकीऊँ काम किदो हे, अणी दनियाँ का लोग-बाग परमेसर का मनकाँ का वेवारऊँ घणाई चतूर हे।”
अन तीजे दन वाँकाणी आपणाँ हाताऊँ जाँज की थोड़ीक चिजाँ ने फेंक दिदी।
जद्याँ वे रोट्याँ खान धापग्या, तो जाँज ने हलको करबा वाते गऊँ फेंक दिदा।
ईं वाते जद्याँ गवा की एक मोटी भीड़ आपणाँ च्यारूँमेर हे, तो आवो, आड़ी देबावाळी हारी चिजाँ ने अन उलजाबा पाप ने छेटी करा अन ज्या दोड़ आपाँने दोड़णी हे, वींने सेण करता तका दोड़ता रा।