यद्याँ में कई गुनो किदो वे अन मारबा के जस्यान काम किदो वे, तो मूँ मरवऊँ आगो-पाछो ने वेऊँ। पण जीं बाताँ को ईं मारा पे दोस लगावे हे, यद्याँ वणा मूँ कई भी बात हाँची ने वेवे तो कुई भी मने वाँका हाताँ में ने हूँप सके। मूँ केसरऊँ हाता-जोड़ी करणो छारियो हूँ।”
पण जद्याँ पोलुस अरज किदी के मारा मुकदमा को फेसलो रोमी राजा का दरबार मेंईस वेवे, ईं वाते में हुकम दिदो के जद्याँ तईं वींने राजा का नके ने खन्दाऊँ तद्याँ तईं वींने जाप्ता में राक्यो जावे।”
जद्याँ आ बात ते वेगी के आपीं जाँजऊँ इटली जावाँ, तो वाँकाणी पोलुस अन वींका हातेवाळा ने युलियुस नाम का हो सपायाँ का सेनापती ने हूँप दिदा, वीं फोज ने “राजा की फोज” केता हा।