जद्याँ मने नंगे पड़ी के, वणा यहूदियाँ पोलुस ने मारबा की अटकळ लगई हे, तो में तरत ईंने थाँरा नके खन्दा दिदो, अन दोस लगाबावाळा ने आग्या दिदी के, वीं थाँरा हामे ईंकी बात करे।”
में वाँकाऊँ क्यो, ‘रोमियाँ में अस्या रिति-रिवाज कोयने हे के, दोस लगाया तका मनक ने वाद-विवाद करन वींने बंचबा को मोको दिदा बनाई वींने दण्ड का वाते हूँप्यो जावे।’