पोलुस इपिसुस का नके वेन जाणो छायो, काँके कटे अस्यान ने वे के आसिया में मोड़ो वेजा। वो ईं वाते आगत कररियो हो, के वे सके तो पिन्तेकुस के तेंवार के दन यरूसलेम में रेवे।
तद्याँ पोलुस वणा मनकाँ ने हाते लेन दूजे दन वाँका हाते पुवितर वेन मन्दर में ग्यो, अन वटे जान पूँछ्यो के, पुवितर वेबा का दन कदी पूरा वेई अन माँ हरेक का वाते चड़ावो कदी चड़ायो जाई।
काँके थाँ आपणाँ परबू ईसू मसी की दया ने तो जाणोइस हो अन थाँ ओ भी जाणो हो के, वीं अमीर वेता तका भी थाँका वाते गरीब बणग्या। जणीऊँ वाँकी गरीबीऊँ थाँ अमीर वे जावो।