15 अन परमेसरऊँ अस्यान आस राकूँ हूँ जस्यान ईं लोग राके हे के, धरमी अन पापी दुयाँ को पाछो जी उटणो वेई।
अन ईं बुरा मनक अनंत दण्ड की सजा भुगती, पण धरमी अनंत जीवन पाई।”
तद्याँ थूँ धन्न वेई, काँके वाँका नके थने देबा का वाते कई ने हे। ईंको फळ थाँने परमेसर वीं दन देई जद्याँ थाँ धरमी मनक का हाते पाच्छा जी उटी।”
मारता वींकाऊँ क्यो, “मूँ जाणूँ हूँ के, आकरी का दन में पाछो जीवतो वे जाई।”
अणी एक बात ने छोड़न ज्या में वाँका बचमें ऊबो वेन की ही, ‘मरिया तका मूँ पाछो जी उठवा का बारा में मारा पे वीं दनऊँ मुकदमो चालरियो हे।’”
वो आपणी वीं ताकतऊँ हारई चिजाँ ने आपणाँ वंस में राके हे, वणीस ताकतऊँ आपणाँ कमजोर डील ने बदलन वाँकी मेमा का डील का जस्यान बणा देई।
वीं धन्न अन पुवितर हे ज्यो ईं पेला पुनरुत्थान का भागी बणी, अणापे दूजो मोत को कई अदिकार ने, पण ईं परमेसर अन मसी का याजक वेई, अन वींके हाते एक हजार वर तईं राज करी।