12 वटे मन्दर में मने ने तो किंकई हण्डे माता-फोड़ी करता देक्यो अन नेई यहूदियाँ का परातना घर में कन हाराई नगर में लोगाँ ने उकसाता तका देक्यो।
जद्याँ वीं दूजाँ चेला के भड़े आया, तो वाँका च्यारूँमेर घणी भीड़ देकी अन वाँ देक्यो के वाँकी लारे मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा भेजा-मारी कररिया हे।
पछे थूँ माराऊँ कई पूछे हे? हुणबावाळाऊँ पुछ के, में वाँकाऊँ कई क्यो। वीं जाणे हे के, में कई-कई क्यो।”
जद्याँ मूँ यो करीस रियो हो अणा मने मन्दर में पायो, तद्याँ मूँ नेमा का हस्याबूऊँ पुवितर हो अन वटे कुई भीड़ ने ही अन ने कुई हुल्लड़ हो।
ईं मनक ने माँ आपत में नाकबावाळो अन हारी दनियाँ का यहूदियाँ में उतम-धड़ा करबावाळो पायो हे। ओ नासरिया का पन्त को मुक्यो हे।
पण पोलुस जवाब दिदो, “ने तो में यहूदियाँ की वेवस्ता का विरोद में, ने मन्दर अन नेई रोम का माराजा का हामे कई गुनो किदो हे।”
तीन दन केड़े वणी यहूदियाँ का मुक्य लोगाँ ने बलाया, जदी वीं भेळा व्या तो वणी क्यो, “हो भायाँ, में आपणाँ लोगाँ अन बड़ाबा का रिति-रिवाज का विरोद में कई ने किदो, पछे भी मने यरूसलेम में बन्दी बणायो अन रोमियों का हाताँ में हूँप दिदो।