8 काँके सदुकी तो केता हा के, ने तो कुई मरबा केड़े पाछो जीवतो वेवे अन ने हरग-दुत हे अन ने कुई आत्मा हे पण फरीसी अणा हंगळा पे विस्वास करता हा।
वीं दन सदुकी मनक ज्यो केता हाँ के, मरिया तका को पाछो जीवणो ने वे सके हे। वीं ईसू का नके आया अन वाँकाऊँ पूँछ्यो,
पछे कुई सदुकी मनक मरबा का पछे जीवतो उठबा में विस्वास ने करता हा। वीं वाँका नके आया अन वाँकाणी वाँने पूँछ्यो,
पसे कुई सदुकी ईसू का नके आया अन अणा सदुकी मनकाँ को केणो हे के, मरयाँ तका को पाछो जी उटणो ने वेवे हे।
जद्याँ वणी आ बात किदी, तो फरीसियाँ अन सदुकियाँ में लड़ई वेगी, अन सबा में फुट पड़गी।
जद्याँ वीं दुई जणा लोगाऊँ बात-बच्यार कररिया हा, वीं दाण ईं याजक, मन्दर को मुक्यो अन सदुकी लोग वाँका नके आया
जद्याँ के थाँने एकीस हमच्यार हुणायो हो के, मसी ने मरिया तका मेंऊँ जीवतो किदो ग्यो हो तो थाँका मेंऊँ कुई कस्यान के सके हे के, मरिया केड़े पाछो जीवतो ने व्यो जा सके हे?