5 पोलुस क्यो, “हो भायाँ, मूँ ने जाणूँ के ओ मोटो याजक हे, काँके सास्तर में लिक्यो हे के, ‘आपणाँ लोगाँ का हाकम ने वल ने केणो छावे।’”
वटे ऊबा तका मनकाँ पोलुसऊँ क्यो, “कई थूँ परमेसर का मोटा याजक ने भलो-बुरो केरियो हे?”
“नरई वरा केड़े मूँ आपणाँ लोगाँ ने दान देबा वाते अन भेंट चड़ावा वाते यरूसलेम में ग्यो हो।
अन परमेसर खासकर वणा मनकाँ ने दण्ड देई, जीं बुरी मनसा का गेले चालन देह का जस्यान चाले हे अन परमेसर की माहनताऊँ नपरत करे हे। अस्यान का मनक बेकार अन टगीला हे अन ईं हरग की ताकता को भी अपमान करबाऊँ भी ने दरपे हे।