34 राजपाल कागद भणन क्यो, “ओ कणी इलाका को हे?” अन जद्याँ वो जाणग्यो के ओ किलिकिया को हे,
ओ हुणन पिलातुस पूँछ्यो, “कई ओ मनक गलीली हे?”
अन पोलुस सिरिया अन किलिकिया में जातरा करतो तको विस्वास्याँ की मण्डळ्या ने धिजो बन्दातो तको परोग्यो।
पोलुस क्यो, “मूँ तो सिलिकिया का तरसूस नगर को यहूदी मनक हूँ, मूँ थाँराऊँ हाता-जोड़ी करूँ के मने अणा लोगाऊँ बाताँ करबा दे”।
फेसतुस वीं देस में आयो अन तीन दन केड़े केसरियाऊँ यरूसलेम ग्यो,
पण, आजाद नाम की एक मण्डली का मनक केवाया जो एक यहूदी परातना करबा के घर का मनक कुरेन, सिकन्दरिया, किलिकिया नगर अन आसिया परदेसऊँ आया यहूदी हाँ, वीं वींको विरोद करता तका बात-बच्यार करबा लागा।