“देको हूँस्यार रेज्यो, मूँ थाँने अदिकार का हाते अस्यान बारणे खन्दारियो हूँ जस्यान गारा ने वरगड़ा का बचमें खन्दाया जावे ईं वाते हाँप का जस्यान हेंचेत रो अन परेवड़ा का जस्यान भोळा बणो।
ईं वाते अदिकारी सेनापती का नके वीं मोट्यार ने लेजान क्यो, “जेल में बन्द पोलुस माराऊँ क्यो के, ईं मोट्यार ने सेनापती नके ले जावो, ओ वाँने कई केणो छारियो हे।”
तद्याँ सेनापती अदिकारियाँ मूँ दो ने बलान क्यो, “दोस्ये सपई, हित्तर घुड़ सवारीवाळा, अन दोस्ये भाला चलाबावाळा सपायाँ ने आज रात नो बज्याँ केसरिया देस जाबा के वाते त्यार राको।