26 सपायाँ को अदिकारी ओ हुणन सेनापती का नके जान क्यो, “थाँ ओ कई कररिया हो? ओ तो रोमी मनक हे।”
तद्याँ रोमी सपायाँ अन वाँका सूबेदार अन यहूदियाँ का मन्दर का चोकीदार ईसू ने पकड़ लिदा अन बाँदन,
जद्याँ वणा वींने बाद्यो तो पोलुस वटे ऊबा तका सपायाँ का अदिकारीऊँ क्यो, “कई ओ कानून में हे के, थाँ एक रोमी मनक के बना दोसऊँ चामट्याँ मेलो?”
तद्याँ सेनापती पोलुस नके आन क्यो, “मने बता, कई थूँ रोमी मनक हे।” पोलुस क्यो “हाँ।”
तद्याँ जीं लोग वींने पूँछरिया हा वीं तरत वींका नकूँ पराग्या, अन सेनापती भी ओ जाणन दरपग्यो के, में एक रोमी मनक ने बन्दी बणायो हे।
अणी मनक ने यहूदियाँ पकड़न मारणो छाया, पण जदी में जाण्यो के ओ रोमी हे, तो में वटे सपायाँ का लारे जान ईंने वाकाँऊँ छुड़ा लिदो।