पण पोलुस अदिकारियाँ ने क्यो “माँ रोमी मनक हाँ, तुई वे बना दोसऊँ माँने मनकाँ के हामे कुट्या अन जेळ में नाक्या, अबे कई माँने छानेकूँ निकळबाने केरिया हो?, अस्यान ने वेवे, पण वीं खुद आन माने बारणे काड़ी।”
जद्याँ सबा में घणी माता-फोड़ी वेगी तो सेनापती दरपग्यो के, कटे पोलुस का गट्टा-गट्टा ने कर नाके। वणी सपायाँ ने हुकम दिदो के, “रेटे समू में जान पोलुस ने सबा मूँ छावणी में ले जावो।”