15 काँके थूँ वींको हंगळा लोगाँ के हामे वणी बाताँ को गवा हे जिंने थें देकी अन हूणी हे।
अन थाँ भी मारा गवा हो, काँके थाँ ठेटऊँ मारा हाते रिया हो।
पण, जद्याँ पुवितर आत्मा थाँका पे आई, तो थाँ सगतिऊँ भर जावो अन आकाई यरूसलेम, यहूदियाँ अन सामरियाऊँ लगान धरती का खुणा-खुणा तईं मारा गवा बेणो।”
तद्याँ वणी क्यो, “आपणाँ बापदादा का परमेसर थने ईं वाते चुण्यो के थूँ वींकी मरजी ने जाणे, अन धरमी मनक ने देक सके वींकी मुण्डा की बात ने हुण सके।
वीं रात में परबू पोलुस के नके ऊबा रेन क्यो, “हे पोलुस, हिम्मत राक, काँके जस्यान थें यरूसलेम में मारी गवई दिदी, वस्यानीस थने रोम में भी गवई देणी हे।”
पण पेल्याँ दमिसक का, पछे यरूसलेम का अन यहूदियाँ का हंगळा देसा में रेबावाळा अन जो यहूदी ने हा, वाँने हमजातो रियो, के आपणाँ मन ने फेरो अन परमेसर का आड़ी आवो अन मन फरावा जोगो काम करो।
‘हे पोलुस, दरप मती! थने केसर का हामे ऊबो वेणो जरूरी हे। देक, परमेसर थाँरा पे भलई किदी हे, ईं वाते जो थाँरा हाते जातरा कररिया हे वे भी बंचाया जाया।’
अन ओ तो वेई ने सके के, माँ जो कई भी देक्यो अन हुण्यो हे, वींने ने बतावा।”