6 तद्याँ एक-दूजाऊँ हिक लेन, जाँज में बेट्या अन वीं आपणाँ-आपणाँ घरे पराग्या।
तद्याँ वो वटूँ आपणाँ पापाँ का नके परोग्यो। “वो थोड़ाक छेटी हो अन वींका बापू वींने देक लिदो तो वींका बापू ने वींपे घणी दया अई। ईं वाते वो दोड़न वींने आपणे गळे लगा दिदो अन बोको दिदो।
वो आपणाँ लोगाँ का बसमें आयो अन पण वणा वींने ने ओळक्यो।
देको, वा टेम आरी हे पण आगी हे के, थाँ हाराई अटने-वटने वेन आपणो आपणो गेलो नापो, अन मने एकलो छोड़ देवो। पण मूँ एकलो कोयने काँके बापू मारे लारे हे।
तद्याँ वणा आपणाँ चेलाऊँ क्यो, “आ थारी बई हे।” अन वीं टेमऊँ वो चेलो वींने आपणाँ घरे लेग्यो।
पण मारा विस्वासी भई तीतूस ने वटे ने देकन मारो मन घणो दकी व्यो, तो मूँ वटेऊँ हिक लेन मकिदुनिया आड़ी चाल पड़्यो।