वाँकाणी वाँका हाते ओ लिकन खन्दायो, “अंताकिया, सिरिया अन किलिकिया में रेबावाळा जो यहूदी ने हे, वाँ विस्वास्याँ ने थाँका भई थरप्या तका अन बड़ाबा को नमस्कार।
पण पोलुस अदिकारियाँ ने क्यो “माँ रोमी मनक हाँ, तुई वे बना दोसऊँ माँने मनकाँ के हामे कुट्या अन जेळ में नाक्या, अबे कई माँने छानेकूँ निकळबाने केरिया हो?, अस्यान ने वेवे, पण वीं खुद आन माने बारणे काड़ी।”
मूँ एक यहूदी मनक हूँ, अन किलिकिया देस का तरसूस नगर में मारो जनम व्यो, पण अणी नगर में गमलियल मारसाब का अटे भण्यो जस्यान के, बापदादा की वेवस्ता ने बड़या तरियऊँ हिक्यो, अन परमेसर का वाते अस्यी धुन लगई ही, जस्यान थाँ आज लगई मेली हे।
पण, आजाद नाम की एक मण्डली का मनक केवाया जो एक यहूदी परातना करबा के घर का मनक कुरेन, सिकन्दरिया, किलिकिया नगर अन आसिया परदेसऊँ आया यहूदी हाँ, वीं वींको विरोद करता तका बात-बच्यार करबा लागा।
परबू वींने क्यो, “ऊबो वेजा अन ‘हेटा’ केबावावाळी गळी में जा अन वटे यहूदा का घरे जान तरसूस का रेवासी साउल नाम का एक मनक के वाते पूछताछ कर, वो परातना कररियो हे