37 जद्याँ वीं पोलुस ने ले जारिया हा, तो पोलुस सेनापतीऊँ क्यो, “कई मूँ कई के सकूँ।” जदी वणी क्यो, “कई थूँ युनानी भासा जाणे हे?”
मूँ थाँने अस्या बोल अन अकल देवूँ के, थाँका हाराई दसमण थाँको सामनो ने कर सकी अन थाँने रोक ने पाई।
जदी पोलुस लोगाँ का नके जाणो छायो तो चेला वींने जाबा ने दिदो।
पोलुस वाँकाऊँ नमस्कार किदो अन जो यहूदी ने हा वाँका बचमें परमेसर वींकाऊँ कराया तका हंगळा कामाँ ने एक-एक करन के हुणाया।
पण भीड़ में कुई कई केरियो अन दूजाँ ओरुँ कई केरिया हा अन जोरकी हाका-भार में वो हाँची बात ने हमज ने सक्यो, तो वणी वींने छावणी में लेजाबा को हुकम दिदो।
तो सेनापती क्यो, “ईंने छावणी में ले जावो अन चामट्याँ मेलन पूछो के, ईं लोग-बाग किंका वाते हाका-भार कररिया हे।”
जद्याँ सबा में घणी माता-फोड़ी वेगी तो सेनापती दरपग्यो के, कटे पोलुस का गट्टा-गट्टा ने कर नाके। वणी सपायाँ ने हुकम दिदो के, “रेटे समू में जान पोलुस ने सबा मूँ छावणी में ले जावो।”
पोलुस के भाणेज ओ हुण्यो के, वीं पोलुस ने मारबा का होगन खादा हे तो वो छावणी में जान पोलुस ने के दिदो।