32 तद्याँ वो तरत अदिकारी अन सपायाँ ने लेन पोलुस पे हमलो करबावाळा मनकाँ का दयने ग्यो, तो वणा लोगाँ वींने देकन पोलुस ने कुटणो छोड़ दिदो।
तद्याँ रोमी सपायाँ अन वाँका सूबेदार अन यहूदियाँ का मन्दर का चोकीदार ईसू ने पकड़ लिदा अन बाँदन,
तद्याँ हंगळा लोगाँ परातना घर का मुक्या सोस्तिनेस ने पकड़न न्याव-गादी का हामे कुट्यो, पण राजपाल गलिया ईं बाताँ ने मन में ने लिदी।
में क्यो, “हो परबू, वीं तो जाणे हे के मूँ यहूदियाँ का परातना घर में जान विस्वास करबावाळा मनकाँ ने जेळ में नाकतो हो अन कूटतो हो।
अणी मनक ने यहूदियाँ पकड़न मारणो छाया, पण जदी में जाण्यो के ओ रोमी हे, तो में वटे सपायाँ का लारे जान ईंने वाकाँऊँ छुड़ा लिदो।
अणी मन्दर ने भी अबड़ाणो छायो, पण माँ ईंने पकड़ लिदो। (माँ ईंने आपणी वेवस्ता का हस्याबूँ दण्ड देता,
अन थरप्या तका ने मयने बलान वाँके चामट्याँ लगाया अन हुकम दिदो के, ईसू का नाम में कई मत किज्यो, पछे वाँने छोड़ दिदा हा।