14 माँ वींने मना ने सक्या तो ओ केन छोड़ दिदो, “जस्यान परबू की मरजी वस्यान वेवे।”
पछे थोड़ाक आगे जान वे धरती पे उन्दो पड़न परातना किदी, “ओ मारा बाप, यद्याँ वे सके तो या दुक को प्यालो माराऊँ छेटी वे जावे, तो भी मूँ छावूँ जस्यान ने, पण जस्यान थूँ छावे वस्यानीस वेवे।”
पछे वाँकाणी दूजी दाण जान आ परातना किदी, “हो मारा बाप, यद्याँ ओ दुक को प्यालो मारे पिया बगर ने छेटी वे, तो थाँका मरजी पुरी वेवे।”
थाँको राज आवे, थाँकी मरजी जस्यान हरग में पुरी वेवे हे, वस्यानीस धरती पे भी वेवे।
ईसू वाँकाऊँ क्यो, “जद्याँ थाँ परातना करो। तो केज्यो, “ओ माकाँ बापू, थाँको नाम पुवितर मान्यो जावे। थाँको राज आवे।
“ओ बापू, यद्याँ थाँकी मरजी वे, तो अणी दुक का प्याला ने मारा नकूँ छेटी कर दो। पछे भी मारी मरजी ने पण, थाँरी मरजी पुरी वे।”