अन हंगळा नगर में हाका-भार वेगी, अन लोगाँ मकिदुनिया का गयुस अन अरिस्तखुस जो पोलुस का हण्डाळ्याँ हा, वाँने पकड़ लिदा, अन हंगळा एक हाते मेदान में आग्या अन भेळा वेग्या।
हो भायाँ-बेना, थाँ माँकी मेनत अन दुक ने आद राको हो ज्यो थाँका बचमें व्यो हो अन माँ रात-दन काम धन्धो करन थाँने परमेसर को हव हमच्यार हुणायो जणीऊँ थाँका पे कई बोज ने पड़े।