जद्याँ यहुन्ने यो देक्यो के, नरई फरीसी अन सदुकी वाँका नके बतिस्मो लेबा ने आरिया हे तो वणी वाँकाऊँ क्यो, “ओ, हाँप का बच्या। थाँने कणी हेंचेत कर दिदा हे के, थाँ परमेसर की आबावाळी रीसऊँ बंच निकळो?
हपता का पेले दन जद्याँ परबू ने आद करबा का जीमणा वाते भेळा व्या तो पोलुस वाँऊँ बात-बच्यार करतो रियो अन दूजे दन जाणो हो, ईं वाते आदी रात तईं बाताँ करतो रियो।
मसी का बारा में परच्यार करन आपीं मनकाँ ने चेतावा हा अन पूरा ग्यानऊँ मनकाँ ने हिकावा हाँ, ताँके हाराई मनकाँ में मसी का हाराई गुण भरन परमेसर का हामे ला सका।
थूँ सान्तीऊँ टक्यो तको रेज्ये अन दुक भोगबा का वाते त्यार रे। हव हमच्यार को परच्यार करबा का वाते घणी मेनत कर अन थाँरी जिमेदारी ने हव तरियाऊँ पुरी करज्ये।
आपणाँ आत्मिक मुक्या को भरोसो करो अन वाँके बंस में रो। वीं परमेसर का हामें थाँको लेको देबावाळा का जस्यान वीं जागता तका थाँके जीव की रुकाळी करे हे। अन यद्याँ वस्यानीस करो, तो वीं यो काम राजी वेन करी, पण थाँ वस्यान ने करो, तो वीं यो काम दकऊँ करी। अन अणीऊँ थाँको कई नफो ने वेई।
“हूँस्यार रेज्यो! काँके मूँ चोर की जस्यान अणाचेत को आऊँ हूँ। धन्न हे वीं ज्यो जागता रेवे हे, अन आपणाँ गाबा हमाळी राके हे, जणीऊँ वीं उगाड़ा ने रेई अन मनक वाँने नांगा ने देकी।”