अबेऊँ मूँ थाँने दास ने केवूँ, काँके दास ने जाणे हे के, वाँको मालिक कई करे हे। पण थाँने मूँ दोस्त केन बतळाया हे, काँके में ज्यो बाताँ आपणाँ बापऊँ हूणी, वीं हारी थाँने बता दी हे।
ईसू ने परमेसर आपणी पाक्की ओजणा अन पेली का ग्यानऊँ होच-हमजन थाँने हूँप्यो अन थाँकाणी वींने नीच मनकाँ का हाताँ में पकड़वान हूळी पे खीलाँ ठुकवान मरवा नाक्यो।
आपाँ वणा काम ने जणीऊँ हरम आवे हे, वाँने कोयने कराँ हाँ। अन ने आपाँ कपट राका हाँ अन नेई आपाँ परमेसर का बचन में गाल-गसोळ करा हाँ। पण आपाँ तो हाँच ने खुला रूपऊँ लोगाँ का हामे बतावा हाँ अन परबू का हामे खुद खरा बणा हाँ।
परमेसर ज्यो कई करी आपणी मन की मरजी अन ते किदी तकी बात के जस्यान करी अन परमेसर आपाँने खुद का मकसद के जस्यानीस वाँके खुद की परजा बणबा का वाते ईसू मसी का हाते गट-जोड़ करन चुण्या हा, जिंने वणा पेल्याई ते कर मेल्यो हो।
पण जस्यान परमेसर माँने ईं जोगा जाणन हव हमच्यार ने हुणाबा को काम हूँप्यो हे। माँ ईंने वस्यानीस हुणावा हा अन अस्यान करन माँ मनकाँने ने, पण परमेसर ने जीं हरदा ने परके हे वाँने राजी कराँ हाँ।