पण मूँ आपणाँ जीव ने कई ने हमजूँ। मूँ तो बेस वीं दोड़ अन सेवा का काम ने पूरो करणो छारियो हूँ, जिंने में परबू ईसुऊँ पाई हे, जो परमेसर की करपा का हव हमच्यार की गवई देणो हे।”
पुवितर आत्मा सई तरियाऊँ बोले हे के, थोड़ाक टेम का केड़े थोड़ाक मनक विस्वास करणो छोड़ देई, वीं भटकाबाळी आत्मा की जूटी हिक ने मानी अन जूटी आत्मा का क्या में रेई।