हो विस्वासी भायाँ यद्याँ मूँ थाँका नके आन दरसण, परमेसर का आड़ीऊँ बात, हिक देबावाळी अन ग्यान देबावाळी बाताँ ने बोलूँ पण अलग अलग बोली बोलूँ तो थाँने माराऊँ कई नफो?
मसी का बारा में परच्यार करन आपीं मनकाँ ने चेतावा हा अन पूरा ग्यानऊँ मनकाँ ने हिकावा हाँ, ताँके हाराई मनकाँ में मसी का हाराई गुण भरन परमेसर का हामे ला सका।
परमेसर का हव हमच्यार को परच्यार कर, पलई ईंने हाराई मनक ने माने, पण ईंका केड़े भी थूँ ईंने पूरा मनऊँ करतो रे। थूँ लोगाँ ने सई कर अन वाँका पापाँ को वाँने ध्यान करान चेता। हातेई हाते वाँने उदास मती वेबा दे, वाँने सला देती दाण हमेस्यान धीरज राकज्ये।