कई, वीं जमीं ने बेंचबाँऊँ पेल्याँ वा थारी कोयने ही? अन जद्याँ वा जमीं थें बेंच दिदी, तो वे रिप्या-कोड़ी थाँरा नके ने हाँ? थें आ बात करबाऊँ पेल्याँ काँ ने होची? थूँ लोगाऊँ ने पण परमेसरऊँ जूट बोल्यो हे।”
काँके थाँ आपणाँ परबू ईसू मसी की दया ने तो जाणोइस हो अन थाँ ओ भी जाणो हो के, वीं अमीर वेता तका भी थाँका वाते गरीब बणग्या। जणीऊँ वाँकी गरीबीऊँ थाँ अमीर वे जावो।