हपता का पेले दन जद्याँ परबू ने आद करबा का जीमणा वाते भेळा व्या तो पोलुस वाँऊँ बात-बच्यार करतो रियो अन दूजे दन जाणो हो, ईं वाते आदी रात तईं बाताँ करतो रियो।
हो विस्वासी भायाँ यद्याँ मूँ थाँका नके आन दरसण, परमेसर का आड़ीऊँ बात, हिक देबावाळी अन ग्यान देबावाळी बाताँ ने बोलूँ पण अलग अलग बोली बोलूँ तो थाँने माराऊँ कई नफो?
अन थाँ भेळा वेणो मती छोड़ज्यो। जस्यान के नरई मनकाँने तो भेळो ने वेबा की आदत पड़गी हे। पण आपाँने तो एक दूजाँ ने हमजाणा हे। जस्यान के, थाँ जाणो हो अन देको भी हो के, वो परबू को दन नके आरियो, जणीऊँ थाँने तो ओरुँ भी ईंने करणो छावे।
माँ वींने देक्यो अन हुण्यो हे। अन अबे थाँकामें भी वींके बारा में परच्यार करा हाँ, जणीऊँ थाँ भी मारा हाते भेळा वे जावो। काँके आपाँ परम बापू अन वींकी बेटा ईसू मसी का हाते भेळा हा।
अन यद्याँ आपाँ केवा के, आपाँ वींके हाते उजिता में हा अन वींके जस्यानीस उजिता में चाला हा, तो आपाँ एक विस्वासी का जस्यान एक-दूजाऊँ मलन रेवा हा अन परमेसर का बेटा ईसू मसी को खून आपणाँ हाराई पाप ने धो देवे हे।