37 लोग-बागाँ जद्याँ ओ हुण्यो, तो वाँको मन दकी वेग्यो अन पतरस की लारे दूजाँ चेलाऊँ क्यो, “तो भायाँ, माने कई करणो छावे?”
जद्याँ लोगाँ वणीऊँ पूँछ्यो के, “अबे माँने कई करणो छावे?”
लगान लेबावाळा भी वींका नके बतिस्मा लेबा आया। वणा यहुन्नाऊँ क्यो, “हो गरुजी, माँ कई कराँ?”
कुई अदिकारियाँ यहुन्नाऊँ क्यो, “माँ कई करा?” यहुन्ने वणाऊँ क्यो, “किंका नकेऊँ भी ज्योर-जुलमऊँ रिप्या मती लो। अन नेई किंपे जूटो आरोप लगावो। थाँ आपणी तनकाऊँ सन्तोक राको।”
तद्याँ या बात हुणन हाराई मनक एक-एक करन पराग्या अन हाराऊँ पेल्याँ भूण्डा मनक ग्या अन आकरी में वटे लुगई अन ईसूइस बच्या।
“ओ मारा भई अन बेना, ईसू ने बंदी बणाबावाळा ने गेलो बताबावाळो यहूदो, जिंका बारा में सास्तर में लिक्यो हे, जो दाऊद का मुण्डाऊँ पुवितर आत्मा नरई दनाँ पेल्याँई के दिदो हो, वाँ बात पुरी वेणी जरूरी ही।
तद्याँ में क्यो, ‘हो परबू, मूँ कई करूँ?’ परबू माराऊँ क्यो, ‘ऊबो वे अटूँ दमिसक में जा, अन वटे थने वो हारोई बता दिदो जाई जिंका वाते परमेसर थने चुण्यो हे।’
जद्याँ मोटी सबा का लोग ओ हुण्यो, तो वे रीस में आन थरप्या तका ने मारणो छाया।
जद्याँ यहूदी मोटी सबा का लोग ओ हुण्यो तो, वीं रीस में आन राता-पीळा वेग्या अन दाँत पीसबा लागा।
एक टेम ही, जद्याँ मूँ बना नेमा के जीवतो हो, पण जद्याँ आदेस आया तो पाप जीवग्यो अन मूँ मरग्यो।