36 अणा बाताँ ने कुई नट ने सके, ईं वाते थाँ छाना-माना रो अन कस्यी भी बात पे बात-बच्यार मत करो।
तद्याँ नगर के बाबू, लोगाँ ने छाना करन क्यो “हो इपिसुस का लोगाँ, हंगळा मनक जाणे हे के, इपिसुस मोटी देवी अरतिमिस का मन्दर को रुकाळ्यो हे अन वींकी मूरत हरगऊँ अई हे।
थाँ अणा मनकाँ ने पकड़न लाया, अणा ने तो मन्दर ने लुट्यो अन ने ही देवी माँ को अपमान किदो हे।
वीं धोको देबावाळा, बेपरवा, मरोड़ में रेबावाळा, परमेसर की परेमी वेबा का बजाय मोज-मस्तीऊँ परेम करबावाळा वेई।