थाँ देक्यो अन हुण्यो भी हे के, बेस इपिसुस मेंईस ने, पण हंगळा आसिया का लोगाँ ने पोलुस ओ केन भोळाया हे के, जीं हाताऊँ घड्या तका देवताँ हे, वींमें परमेसर ने हे।
तद्याँ नगर के बाबू, लोगाँ ने छाना करन क्यो “हो इपिसुस का लोगाँ, हंगळा मनक जाणे हे के, इपिसुस मोटी देवी अरतिमिस का मन्दर को रुकाळ्यो हे अन वींकी मूरत हरगऊँ अई हे।
वीं मनक वीं अजगर के धोक लागबा लागग्या, काँके वणी आपणाँ हाराई अदिकार वीं डरावणा जनावर ने दे दिदा हा। पछे मनक वीं जनावर के भी धोक लागन केबा लागा, “ईं जनावर का जस्यान को कूण हे? ज्यो अणीऊँ लड़ सके?”