अन हंगळा नगर में हाका-भार वेगी, अन लोगाँ मकिदुनिया का गयुस अन अरिस्तखुस जो पोलुस का हण्डाळ्याँ हा, वाँने पकड़ लिदा, अन हंगळा एक हाते मेदान में आग्या अन भेळा वेग्या।
जद्याँ मूँ थाँका नके हो तो मने कमी वीं हे तद्याँ भी में थाँका पे कई बोज ने नाक्यो, काँके मारा भायाँ मकिदुनियाऊँ आन मारी वणी कमी ने पुरी किदी हे। में हरेक दाण खुद ने थाँका पे बोज बणाबाऊँ रोक्यो, अन आगे भी रोक्यो रेऊँ।
अन अतरोइस ने पण वो मण्डली का मनकाँ का क्या के, जस्यान मारा हाते जाबा का वाते वींने चुण्यो भी हे। ईं दान का काम वाते वो मारा हाते जावे अन माँ ओ सेवा को काम ईं वाते करिया हाँ जणीऊँ परबू की मेमा अन माँकी हरदा की मरजी हामे आवे।
काँके परबू का बचन थाँका नकेऊँ मकिदुनिया अन अखाया मेंईस ने हुणायो ग्यो, पण ईं वजेऊँ परमेसर पे थाँका विस्वास की चरचा हारी जगाँ में फेलगी हे। ईं वाते माँने कई केवाँ की जरुतई ने पड़ी।