अन हंगळा नगर में हाका-भार वेगी, अन लोगाँ मकिदुनिया का गयुस अन अरिस्तखुस जो पोलुस का हण्डाळ्याँ हा, वाँने पकड़ लिदा, अन हंगळा एक हाते मेदान में आग्या अन भेळा वेग्या।
पोलुस इपिसुस का नके वेन जाणो छायो, काँके कटे अस्यान ने वे के आसिया में मोड़ो वेजा। वो ईं वाते आगत कररियो हो, के वे सके तो पिन्तेकुस के तेंवार के दन यरूसलेम में रेवे।
जद्याँ आ बात ते वेगी के आपीं जाँजऊँ इटली जावाँ, तो वाँकाणी पोलुस अन वींका हातेवाळा ने युलियुस नाम का हो सपायाँ का सेनापती ने हूँप दिदा, वीं फोज ने “राजा की फोज” केता हा।
मारा भायाँ थाँने ओ पतो वेणो जरूरी हे के, में घणी दाण थाँका नके आबा की होची, पण हरेक दाण कई ने कई अस्यान को वेता के, मूँ ने आ सक्यो। मूँ थाँका आड़ीऊँ भी वस्योईस फळ पाणो छावूँ हूँ, जस्यो ज्यो यहूदी ने हा, वाँ मनकाँऊँ पायो हो।