झाड़-फूक करबावाळा हंगळा जणा आपणाँ पोत्या-पानड़ा लाया अन हंगळा के हामे बाळ नाक्या। वणा पोत्या-पानड़ा का रिप्या जोड़्याग्या तो पचा हजार चाँदी का सिक्का के जतरा व्या।
ईं वाते थाँ एक दूजाँ का हामे खुद का पाप ने मानलो अन एक दूजाँ का वाते परातना करता रेवो, जणीऊँ थाँ हव वे जावो। धरमी मनक की परातना घणी जोरवार अन असर करबाळी वेवे हे।