16 अन वणी वाँ हाराई ने न्याव-गादी का हामेऊँ बारणे खन्दा दिदा।
जद्याँ पिलातुस न्याव की गाद्दी पे बिराज्यो तको हो तो वाँकी लुगई वींने ओ हमच्यार खन्दायो, “थूँ वणी धरमी मनक का मामला में भेळा मती रेज्ये। काँके में आज हपना में वाँका वाते घणो दुक जेल्यो हे।”
तद्याँ हंगळा लोगाँ परातना घर का मुक्या सोस्तिनेस ने पकड़न न्याव-गादी का हामे कुट्यो, पण राजपाल गलिया ईं बाताँ ने मन में ने लिदी।
पण धरती वणी लुगई की मदत किदी, धरती आपणाँ मुण्डो फाड़न वीं नंदी का पाणी ने जिंने वणी अजगर आपणाँ मुण्डाऊँ निकाळ्यो हो, वींने पिगी।