पसे वीं एक-दूजाऊँ केबा लागा, “जद्याँ वो गेला में आपाऊँ बाताँ कररियो हो अन पुवितर सास्तर को अरत आपाँने हमजारियो हो, तो कई आपणाँ मन में धिज्यो ने बन्द रियो हो?”
पसे ईसू वाँकाऊँ क्यो, “ईं मारी वीं बाताँ हे, जद्याँ मूँ थाँके हाते रेते तके थाँकाऊँ क्यो हो। जतरी बाताँ मूसा के नेमा में अन परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा अन भजनाँ की किताब में मारा बारा में लिकी तकी हे, वीं हारी पुरी वेणीईस हे।”
जद्याँ वीं हारई एक हाते हा, वीं दाण ईसू वाँने आदेस दिदो, ‘यरूसलेम मती छोड़ो, पण परमपिता का वीं वादा के वाते वाट नाळो, जिंका बारा में, में थाँने क्यो हो।
हे बना अकल का गलातिया का मनकाँ, थाँने कणी भेंम में नाक दिदा हे। में पुरो-पुरो बखाण अस्यान किदो हो के, मानो थाँकी आक्याँ का हामेईस तो ईसू मसी ने हूळी पे चड़ाया ग्या वे।