27 परमेसर अस्यान किदो के, वीं परमेसर ने होदे, अन वींका नके जान वींने पाले। यद्याँ के वो आपाऊँ छेटी कोयने।
पण तद्याँ भी वो भलई करतो तको खुद की गवई देतो रियो, आकासऊँ बरका वरई, हारी रिता में हव हाक देतो रियो अन थाँको मन आणन्दऊँ भरतो रियो।”
ईंका वाते हारी दनियाँ का लोग जो बंच्या तका हे, वीं परबू ने होदे जो यहूदी ने हे, वाँने में बलाया हे, वे हारई मारा नके आई।
काँके जद्याँ परमेसर ईं जग ने बणायो हो, तद्याँऊँ वाँका ने दिकबावाळा गुण मतलब अनंत सगती अन परमेसर का हभाव देक्या जावे हे, परमेसर ज्यो कई बणायो हे वणा चिजाँऊँ वीं परमेसर ने साप साप जाणे हे। ताँके मनकाँ का नके कई आळको ने वेवे।
कई थूँ वींकी दया अन वींकी सेण समता अन धिरजपणा ने बेकार हमजे हे? अन कई थूँ ओ ने जाणे हे के, परमेसर की दया थने पापऊँ मन फेरवा का आड़ी ले जावे हे।