20 काँके जो बाताँ थूँ हुणावे हे वे माने अणजाणी लागे हे, ईं वाते माँ जाणणा छावाँ के अणाको कई मतलब हे।”
वाँकाणी यो आदेस मान लिदो, पण वीं होच-बच्यार करिया हा के, “मरन पाछो जीवतो वे उटी” आ बात कई हे? ईंको मतलब कई हे?
ईसू पे विस्वास करबावाळा मूँ घणा जणा यो हुणन क्यो के, “या हिक घणी अबकी हे। ईंने कूण मान सके?”
पतरस जो दरसावो में देक्यो हो, वींका वाते वो होचरियो हो, जद्याँई कुरनेल्युस का खन्दाया तका मनक पतो पूँछता तका बारणा पे आग्या।
तद्याँ वीं वींने आपणाँ हाते अरियुपगुस नाम की सबा में लेग्या अन पुछ्यो, “कई माँ जाण सका हाँ के, थूँ ओ नुवी बाताँ हुणावे हे, वे कई हे?
हंगळा एतेंस वासी अन परगाम का लोग जो वटे रेवे हे, वे नुवी-नुवी बाताँने हुणबा अन हुणाबा को मोको होदता हा।
वीं हारई जणा अचम्बा पड़ग्या अन घबराग्या, एक-दूजाऊँ पुछ रिया हा के, “ओ हारोई कई वेरियो हे?”
वीं ज्यो भटक रिया हे वाँका वाते मसी को हूळी पे मरबा को संदेस एक मुरकता हे, पण ज्यो बंचाया जारिया हे वाँका वाते परमेसर की तागत हे।
पण आपाँ तो वीं हूळी पे चड़ाया तका मसी का उपदेस देवा हाँ। एक अस्यो उपदेस ज्यो यहूदी का वाते ठोकर को मस हे अन ज्यो यहूदी ने हे वाँका वाते मुरकता हे।
पण देह को मनक परमेसर की आत्मा की बाताँ गरण ने करे, काँके वीं बाताँ वींकी देकणी में बेण्डापणा की बाताँ हे अन ने वो वाँने जाण सके हे काँके वाँ बाताँ की परक आत्मिक रितऊँ वेवे हे।
ईंका बारा में केबा का वाते माकाँ नके नरोई हे, पण ईंका बारा में केणो घणो अबको हे, काँके थाँ हमजबा में धीमा हो।
पण अबे थाँ वाँका वणा बुरा काम में भेळा ने वेवो हो, तो वाँने अचम्बा वेवे हे, ईं वजेऊँ वीं थाँकी नन्दयाँ करे हे।