ईं वाते अरमतिया को यूसप आयो। वो यहूदी मासबा को मान्यो तको नेतो हो अन परमेसर का राज के आबा की बाट ज्योतो हो। वो हिम्मत करन पिलातुस का भड़े ग्यो अन ईसू की लास माँगी।
पण पोलुस अन बरनबास बनाई दरप्या क्यो, “ओ जरूरी हे के, परमेसर का बचन सबऊँ पेल्याँ थाँने हूणावाँ, पण थाँकाणी वाँने नकारता तका खुद ने अमर जीवन जीबा के जोगा ने हमज्या। ईं वाते माँ अबे यहूदियाँ ने छोड़न जो यहूदी ने हे वाँका नके जारिया हा।
तो वटने यहूदियाँ, जानी-मानी लुगायाँ जणी यहूदी धरम ने मान लिदो हो अन नगर का मुक्या ने उकसाया, तो वे पोलुस अन बरनबास पे अन्याव करन हताबा लागा अन दरपाता तका जोरावरीऊँ वाँने आपणाँ अटूँ बारणे निकाळ दिदा।
हो विस्वासी भायाँ, अबे थोड़ोक होचो के, जद्याँ परमेसर थाँने बलाया हा तो थाँकामूँ नरई तो ने सांसारिक देकणी में विदवान हा अन नेई तागतवर। थाँकामूँ नरई की तो समाज में कई जगाँ भी ने ही।
ईं वाते हाराई असुद कामाँऊँ अन च्यारूँमेर की बुरईऊँ छेटी रेज्यो। पण धिज्यो राकबावाळा वेन परमेसर का बचन जीं थाँका मन में हे वाँने मानज्यो, ताँके वीं थाँकी आत्मा ने छुटकारो दे सके।