अन हंगळा नगर में हाका-भार वेगी, अन लोगाँ मकिदुनिया का गयुस अन अरिस्तखुस जो पोलुस का हण्डाळ्याँ हा, वाँने पकड़ लिदा, अन हंगळा एक हाते मेदान में आग्या अन भेळा वेग्या।
अदमुतियुम को एक जाँज जो आसिया का बन्दरगा में वेन जाबावाळो हो, माँ वींपे चड़न चाल पड़्या अन थिसलुनीके को मकिदुनीवाळो अरिस्तखुस नाम को मनक माकाँ हाते हो।
लिद्दा देस यापा नगर का भडे़ई हो। तो चेला जद्याँ ओ हुण्यो के पतरस लिद्दा में हे, तो वाँकाणी वींका नके दो मनक खन्दाया ताँके वीं वींऊँ अरज करे, “करपा करन, हट माकाँ नके आजा।”
जद्याँ मूँ थाँका नके हो तो मने कमी वीं हे तद्याँ भी में थाँका पे कई बोज ने नाक्यो, काँके मारा भायाँ मकिदुनियाऊँ आन मारी वणी कमी ने पुरी किदी हे। में हरेक दाण खुद ने थाँका पे बोज बणाबाऊँ रोक्यो, अन आगे भी रोक्यो रेऊँ।
मूँ ईं दरसण की वजेऊँ मोटो ने वे जऊँ, ईं वाते मारी देह में एक रोग दिदो ग्यो हे ज्यो सेतान को एक दूत हे अन ओ मने दुक देतो रेवे हे जणीऊँ मूँ घणो मेपणो ने कर सकूँ हूँ।
जद्याँ माँ मकिदुनिया में ग्या हा तो भी माँने आराम ने मल्यो हो, पण माँने नरी तरियाऊँ दुक जेलणो पड़्यो हो, बारणे आड़ी तो हतावऊँ अन हरदा का मयने दरपणी की वजेऊँ दुक जेलणो पड़्यो।
काँके मूँ जाणूँ हूँ, ईं काम ने करबा का वाते थाँ हमेस्यान त्यार रेवो हो अन ईं बात ने मकिदुनिया का मनकाँ का हामे केवाऊँ मेपणो वेई के, अखाया का मनक पालाँ साल ऊँइस त्यार वेग्या हा अन थाँका काम ने देकन नरई मनकाँ ने काम करबा की हिक मली हे।