अस्यान परमेसर का बचन दन-दूणा रात चोगुणा फेलतारिया अन यरूसलेम में चेला की मण्डली हेलीऊँ हेली वेबा लागी, अन याजकाँ का नरई लोग ईसू पे विस्वास करबा लागग्या।
अस्यान वीं टेम में हारई यहूदियाँ, गलील अन सामरिया की मण्डळ्याँ सान्तीऊँ रेरी ही। ओरी हेली तागतवर वेबा लागी अन परबू ने मानता तका जीरिया हा अन पुवितर आत्मा वाँने ओरी मदत किदी, तो वे ओरी हेली वेबा लागी।
ईं वाते हो विस्वासी भायाँ विस्वास में बना आगा-पाछा व्या गाटा बण्या तका रेवो अन परबू को काम करबा वाते खुद ने त्यार राको, काँके थाँ तो जाणो हो के, परबू वाते किदो ग्यो काम बेकार ने वे जावे।
अन तिमुती ने ज्यो मसी का हव हमच्यार में मारो विस्वासी भई अन परमेसर को दास हे वींने थाँका नके खन्दावाँ जणीऊँ वो थाँने पाका करे अन विस्वास का बारा में हमजावे अन थाँकी हिम्मत बड़ावे।
अलग अलग तरियाँ का अणजाणी हिकऊँ भटको मती, काँके थाँका मन का वाते यो हव के, वो खाबा-पिबा की नेमा का बजाए दयाऊँ मजबूत बणे। अन जणा खाबा-पिबा का नेमाने मान्याँ वणाऊँ वाँको कदी भलो कोनी व्यो।