40 वे जेळऊँ निकळन लुदिया के वटे ग्या, अन हंगळा विस्वास्याँ ने धिजो बन्दान पराग्या।
थोड़ाक दनाँ केड़े एक विस्वास्याँ की सबा जिंमें होन बीस जणा हा, वटे परतस ऊबो वेन केबा लागो,
अन चेला ने हिम्मत देन विस्वास में बड़वा वाते धिजो बन्दाता रिया अन केता रिया के “परमेसर का राज में जाबा वाते आपाँने घणो दुक जेळणो पेड़ी।”
वटे लुदिया नाम की एक लुगई ही, जो थुआतीरा नगर की ही, ज्या रेसम का गाबा बेंचती अन भगती करबावाळी ही। परमेसर वींका मन में आ बात नाकी के, वा पोलुस की बाताँ ने ध्यानऊँ हुणे।
वींकी लुस्त्रा अन इकुनियम का विस्वास्याँ में हव पेट ही।
जद्याँ पतरस अन यहुन्ना ने छोड़ दिदा, तो वे आपणाँ लोग-बागाँ नके आया अन वाँने जो भी यहूदी मोटा याजक अन बुड़ा-ठाड़ा क्यो हो, वो सब वाँने के हुणायो।