36 पेरादार आ बात पोलुस ने की “हाकम थाँने छोड़ देबा को हुकम दिदो हे, ईं वाते ऊबा वो अन आरामऊँ परा जावो”
ईसू वींने क्यो, “हे बेटी, थाँरा विस्वासऊँ थूँ हव वेगी हे। सान्तीऊँ जा, थारी मांदकी छेटी वेगी हे।”
“मूँ थाँने सान्ती देन जारियो हूँ, आपणी खुद की सान्ती थाँने देवूँ हूँ। दनियाँ देवे हे वस्यान मूँ थाँने ने देवूँ हूँ। थाँको मन दकी ने वेवे अन ने थाँ दरपे।
वीं वटे थोड़ाक दन रेन, वटा का मनक वाँने परेमऊँ पाच्छा जटेऊँ आया हाँ वटे खन्दा दिदा।
वाँने खुब कूटन जेळ में नाक दिदा अन वाँने जाप्ता में राकबा के वाते पेरादाराँ ने राक्या,
जेळ को अदिकारी जागग्यो अन जेळ का हंगळा कमाड़ खुला तका देकन होच्यो के, हंगळा केदी भागग्या हे, ओ हमजन खुदाखुद तरवार लेन मरणो छायो।
जद्याँ दन व्यो तद्याँ हाकिमा अदिकारियाँ के हाते केन खन्दायो के वणा मनकाँ ने छोड़ दो।