28 पण पोलुस जोरऊँ हाको करन क्यो, “थूँ खुद ने मत मार, काँके माँ हाराई अटीस हाँ”।
पण मूँ थाँकाऊँ यो केवूँ हूँ के, आपणाँ दसमणाऊँ परेम राकज्यो अन आपणाँ हताबावाळा का वाते भी परातना करज्यो।
ओ देकन ईसू क्यो, “ऊबा रो, ओ थाँ मत करो।” अन ईसू वींका नोकर का कान्दड़ा के हात लगान हव किदो।
जद्याँ ईसू बोल्या, “ओ बापू, अणाने माप कर दो, काँके ईं लोग ने जाणे हे के, ईं कई कररिया हे।” पसे सपायाँ कागद की गोट्याँ नाकन वाँका गाबा बाँट लिदा।
जेळ को अदिकारी जागग्यो अन जेळ का हंगळा कमाड़ खुला तका देकन होच्यो के, हंगळा केदी भागग्या हे, ओ हमजन खुदाखुद तरवार लेन मरणो छायो।
तद्याँ अदिकारी उजिता वाते पूँछ्यो अन दरपन धूजतो तको पोलुस अन सिलास के पगाँ पड़ग्यो,
कुई भी बुरई का बदले बुरई ने करे, पण एक दूजाँ को अन हाराई मनकाँ को भलो करबा का वाते आगता रेवो।