तद्याँ थरप्या तका, बुड़ा-ठाड़ा, हंगळी विस्वास्याँ की मण्डळ्याँ के हण्डे आपणाँ मूँ थोड़ाक मनकाँ ने चुणन पोलुस अन बरनबास के हाते अन्ताक्या खन्दाबा का वाते फेसलो किदो। अन वणा भायाँ मूँ जाणिता मनक, यहूदो जो बरसबा केवावे, सिलास ने चुणन वाँका हण्डे खन्दाया।
थाँको विस्वास ज्यो परमेसर के चड़ी तकी बली अन सेवा के जस्यान हे, वींका वाते यद्याँ मने मारो लुई भी वेवाड़णो पड़े तद्याँ भी मूँ राजी हूँ अन थाँ हाराई का हाते खुसी मनाऊँ हूँ।
ईसू अणी धरती का जीवन में ज्यो वींने बंचा सकतो हो, वणीऊँ जोरऊँ हाको करतो तको अन रोते तके अरज अन परातना किदी ही अन नमरता अन भगती का मस वींकी हुण लिदी गी ही।
यद्याँ मसी का नाम की वजेऊँ थाँने दुक जेलणो अन बेजत वेणो पड़े हे तो थाँ ईंने आसिरवाद हमजो, काँके परमेसर की आत्मा ज्या मेमा की आत्मा हे, वाँ थाँका ऊपरे बणी तकी रेवे हे।