8 मन ने जानबावाळे परमेसर आपणाँ जस्यान वाकाँने भी पुवितर आत्मा देन वाँने भी अपणा लिदा।
ईसू तीजी दाण क्यो, “ए समोन, यहुन्ना का बेटा, कई थूँ माराऊँ परेम राके हे?” तो पतरस दकी वेग्यो के, वाँकाणी वींने तीजी दाण अस्यान काँ क्यो, “कई थूँ माराऊँ परेम राके हे?” अन वाँने क्यो, “ओ परबू, थाँ तो सब जाणो हो। थाँ ओ भी जाणो हो के, मूँ थाँकाऊँ परेम करूँ हूँ।” ईसू वींने क्यो, “मारा गारा ने चरा।
परमेसर जणा मने खन्दायो हे, वीं भी मारी गवई देवे हे। थाँकाणी वाँकी वाणी कदी भी ने हूणी अन ने थाँ वींने देक्यो हे।
पछे वाँ हंगळा जणा परातना करन केबा लागा के, ओ परबुजी, थाँ तो हारई को मन जाणो हो अन अबे माने ओ बतावो के, आ दुई जणाऊँ थाँ किंने थरपणो छावो हो,
“कई, अणा लोग-बागाँ ने पाणी को बतिस्मो देबा वाते माने कुई रोक सके हे? आने भी वस्यानीस पुवितर आत्मा मली हे, जस्यान आपाँने।”
वीं दुई जणा घणा दन तईं वटीस रिया अन बना दरप्याँ परबू की बाताँ ने बताता रिया, अन परबू वाँने तागत देन वाँकाऊँ अचम्बा अन हेन्याणी का काम करवान वाँका करपाऊँ भरया तका संदेसा को मान बड़ातो रियो।
पुवितर आत्माने अन माने बड़िया लागो के, थाँका पे जरूरी बाताँ ने छोड़न, कई ओरुँ दूजो बोज ने मेलाँ
वीं हाराई जणा पुवितर आत्माऊँ भरग्या अन जस्यान पुवितर आत्मा की सामरत वाँने मली वीं तरे-तरे की बोली में बोलबा लागा।
जद्याँ वणा परातना कर लिदी, तो वाँ जगाँ जटे वे अगेटा व्या हाँ, हालगी। अन वे हारई पुवितर आत्माऊँ भरग्या अन परमेसर का वसना ने बना दरप्याई हुणाबा लागग्या।
अन परमेसर भी मोटा-मोटा निसाण अन चमत्कारऊँ अन जोरावर कामाँऊँ अन आपणी मनसाऊँ दिदा तका पुवितर आत्मा का वरदानऊँ, वणा ईंने साबत भी किदो हे।
दनियाँ की कस्यी भी चीज परमेसरऊँ हपी तकी ने हे, वाँकी आक्याँ का हामे हारी चिजाँ खुली अन बना परदा की हे। वाँका हामे आपाँने आपणो लेको देणो हे।
मूँ वींका बाळकाँ ने मार देऊँ, तो हारी मण्डली ओ जाण जाई के, मूँ मन अन बदी जाणबावाळो हूँ। अन मूँ थाँ हाराई ने थाँका कामाँ के जस्यान बदलो देऊँ।