तद्याँ थरप्या तका, बुड़ा-ठाड़ा, हंगळी विस्वास्याँ की मण्डळ्याँ के हण्डे आपणाँ मूँ थोड़ाक मनकाँ ने चुणन पोलुस अन बरनबास के हाते अन्ताक्या खन्दाबा का वाते फेसलो किदो। अन वणा भायाँ मूँ जाणिता मनक, यहूदो जो बरसबा केवावे, सिलास ने चुणन वाँका हण्डे खन्दाया।
तद्याँ वाँ बारई थरप्या तका आपणाँ चेला की पुरी मण्डली ने एक जगाँ बलान क्यो, “आपणाँ ने परमेसर का बचनाँ ने छोड़न खाबा-पिबा की वेवस्ता करणी हव काम कोयने हे।